पूर्व बॉक्सर के कैंसर के इलाज के लिए बनाया गया Whatsapp group, विजेंदर सिंह ने भी दिए पैसे

डिंगको के बैंक एकाउंट की जानकारी होने के बाद पैसा इकठ्ठा करने का "मिशन" मंगलवार शाम को शुरू हुआ। अंशदान 1,000 रुपये से लेकर 25,000 रुपये तक है और अभी भी रुपये आ रहे हैं।

भारत में खिलाड़ी जब पदक जीतते हैं तो उनकी खूब वाहवाही होती है लेकिन जब वह रिटायर हो जाते हैं तो उनके पास कोई काम नहीं होता है जिसकी वजह से उनकी आर्थिक स्थिति ख़राब हो जाती है। अगर कोई उन्हें गंभीर रोग हो जाता है तो उनके इलाज के लिए चंदा जुटाया जाता है। 

एक ऐसे ही  एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता पूर्व boxer डिंग्को सिंह के लीवर कैंसर के इलाज के लिए धन जुटाने की दिशा में कदम आगे बढ़ाया गया है। यह काम किया है  अनुभवी भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह और मनोज कुमार ने। 41 साल के डिंग्को सिंह मणिपुर के इम्फाल के रहने वाले हैं। 

कौन हैं डिंग्को सिंह?

डिंग्को सिंह ने 1998 के बैंकाक के एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक जीता था। आम तौर पर 'डिंग्को सिंह' के नाम से जाने जाने वाले नगांगम डिंग्को सिंह एक भारतीय नौसेना में अधिकारी है और भारत के अब तक के सबसे उत्कृष्ट मुक्केबाजों में से एक माने जाते हैं।। वह भारतीय नौसेना के एक सेवाकर्मी हैं। वह थाईलैंड- 1998 में बैंकाक एशियाई खेलों में मुक्केबाजी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने के बाद मशहूर हुए थे। 

बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (BFI) द्वारा लिवर कैंसर के लिए उपचार फिर से शुरू करने के लिए 25 अप्रैल मुक्केबाज डिंग्को सिंह को नई दिल्ली लाया जाएगा। उन्हें कोरोनोवायरस के कारण अपने इलाज को रोकना पड़ा था, क्योंकि वह लॉकडाउन की वजह से दिल्ली नहीं आ सकते थे। 

Dignko Singh

पैसे इकठ्ठा करने के लिए बनाया गया व्हाट्सएप्प ग्रुप 

विजेंदर सिंह और मनोज कुमार के अलावा कुछ अन्य मुक्केबाजों और कोचों ने ऑनलाइन भुगतान मोड के माध्यम से सीधे डिंगको के खाते में पैसे भेजे। 1 लाख रुपये से अधिक  रुपये जुटाने के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप खिलाड़ियों ने बनाया है। इस बारें में विजेंदर ने कहा, "हमारे पास एक व्हाट्सएप ग्रुप है।'' मनोज ने डिंगको के बारे में पोस्ट किया है। हमें उनके बैंक डिटेल्स मिल गए हैं और हम सब मैनेज कर रहे हैं।" 

डिंगको के बैंक एकाउंट की जानकारी होने के बाद पैसा इकठ्ठा करने का "मिशन" मंगलवार शाम को शुरू हुआ। अंशदान 1,000 रुपये से लेकर 25,000 रुपये तक है और अभी भी रुपये आ रहे हैं। 1 लाख रुपये से अधिक पैसे इकठ्ठा हो गया हैं। विजेंदर सिंह ने बताया कि  उन्होंने 25,000 रुपये उनके खाते में  जमा किये, इसी तरह बाकी सभी भी दे रहे हैं। किसी ने 11,000 दिए, कुछ अन्य ने 5,000 रुपये दिए। 

विजेंदर सिंह ने कहा, "डिंग्को हमारे लिए एक आइकन है। हमें आगे आना पड़ा क्योंकि हर मुक्केबाज यह चाहता है कि उनका समुदाय जरूरत के समय उसकी सहायता के लिए आए।" वहीं मुक्केबाज़ मनोज सिंह ने कहा, "यह हमारा कर्तव्य था। चाहे कितना भी छोटा सा योगदान क्यों न हो, इसका हर अंश अंत में मायने रखता है। साथी मुक्केबाजों के रूप में, हमें उनके लिए सहायता करनी चाहिए।"

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डिंगको का इलाज एक पखवाड़े पहले दिल्ली में होने वाला था लेकिन COVID-19 महामारी को रोकने के लिए लगे लॉकडाउन के कारण वह इम्फाल में अपने घर से यात्रा नहीं कर सकते थे। हालांकि, उनकी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (BFI) ने उनके लिए एक एयर एम्बुलेंस पर इलाज के लिए दिल्ली लाने की व्यवस्था की है।