टेस्ट क्रिकेट का दुर्लभ संयोग: जब टीम के 11 खिलाड़ियों ने की गेंदबाजी

भारत की तरफ से केवल एक बार टेस्ट मैच में सभी खिलाड़ियों ने गेंदबाजी की है और ऐसा करवाया है सौरव गांगुली ने, उन्होंने अपनी कप्तानी में द्रविड़, लक्षमण और वसीम जाफर से भी गेंदबाजी करायी थी

टेस्ट क्रिकेट को असली क्रिकेट माना जाता है। हर एक क्रिकेटर का सपना होता है कि अपने देश के लिए टेस्ट क्रिकेट खेले। लेकिन बहुत ही कम लोगों को मौका मिल पाता है। क्या आपको कोई ऐसा टेस्ट मैच याद है जिसमे किसी टीम के 11 खिलाड़ियों ने गेंदबाजी की हो।

अमूमन एक टीम से 6 या 7 अगर बहुत ज्यादा हुआ तो 8 खिलाड़ी गेंदबाजी करते हैं। लेकिन टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसा तीन बार हुआ है जब एक टीम के 11 खिलाड़ियों ने गेंदबाजी की है। आइये इस बारें में विस्तार से जानते हैं। 

ऐसा केवल 3 बार हुआ है 

दरअसल टेस्ट क्रिकेट में यह संयोग मात्र 3 बार ही हुआ है। पहली बार यह 1884 में ओवल के मैदान में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मैच में ऐसा हुआ था। दूसरी बार 1979/80 में फैसलाबाद में ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच हुए टेस्ट मैच में एक टीम के सभी 11 खिलाड़ियों ने गेंदबाजी की थी। 

तीसरी और आखिरी बार यह संयोग भारत और वेस्टइंडीज के साथ हुए मैच में हुआ। भारत की तरफ से खेलने वाले 11 खिलाड़ीयों ने इस मैच में गेंदबाजी की थी। यह मैच 2002 में वेस्टइंडीज और भारत के बीच हुई सीरीज का चौथा मैच था।। 

बहुत ही दुर्लभ संयोग 

यह बहुत ही दुर्लभ संयोग है जब भारत के सभी 11 खिलाड़ियों ने गेंदबाज़ी की थी। ऐसा अब तक भारत की तरफ से केवल एक बार हुआ है। सौरव गांगुली ने अपनी कप्तानी में द्रविड़, लक्षमण और वसीम जाफर से भी गेंदबाजी करायी थी और इन तीनो ने विकेट भी निकालकर दिए थे।  

इस मैच में सौरव गांगुली कप्तान थे। भारत ने पहले खेलते हुए 9 विकेट के नुकसान पर 513 रन बनाये। इस पारी में वेस्टइंडीज की तरह से 9 खिलाड़ियों ने गेंदबाजी की। 

वहीं जब वेस्टइंडीज खेलने आयी  तब उसने 9 विकेट के नुकसान पर 629 रन बनाकर पारी की घोषणा की। वेस्टइंडीज की इस पारी में भारत के 11 खिलाड़ियों ने गेंदबाजी की। 

 

 

इस भारतीय टीम में ओपनर शिवशंकर दास, वसीम जाफर और राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, अनिल कुंबले, अजय रात्रा, ज़हीर खान, जगवाल श्रीनाथ, आशीष नेहरा शामिल थे। 

नेहरा, ज़हीर खान, श्रीनाथ और अनिल कुंबले प्रमुख गेंदबाज़ थे। लेकिन जब वेस्टइंडीज का विकेट नहीं गिर रहा था तब सौराव गांगुली ने सबसे ओवर कराये ताकि वेस्टइंडीज के कुछ विकेट निकल पाये। गांगुली की यह चाल कुछ हद तक कामयाब भी हुई। वसीम जाफर, राहुल द्रविड़, वीवी एस लक्ष्मण को विकेट भी मिले। 

Ind v WI 4th Test 2002

द्रविड़ और लक्षमण ने भी की गेंदबाज़ी 

इस मैच में लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने टेस्ट करियर में पहली बार गेंदबाजी की थी। द्रविड़ ने 9 ओवर में 3 ओवर मेडन डालते हुए 18 रन देकर 1 हासिल किया। यह विकेट रिडली जैकब का था। जिन्होंने शतक जमाया था और वह आउट नहीं हो रहे थे। लेकिन जब द्रविड़ खेलने आये तो वह द्रविड़ की गेंदों को बाउंड्री पार भेजने के चक्कर में आउट हो गये। 

वहीं लक्ष्मण ने 17 ओवर फेकते हुए 6 ओवर मेडन डाले और 32 रन देकर 1 विकेट निकाला। वसीम जाफर ने 11 ओवर डालते हुए 3 मेडन ओवर डालकर 18 रन देते हुए 2 विकेट चटकाए। ये तीनों भारतीय टीम के टॉप के बल्लेबाज़ थे। इन्हें बहुत ही कम बार गेंदबाजी करते हुए देखा जाता है। लेकिन सौरव ने अपनी कप्तानी में इनसे गेंदबाजी करवाई और इन तीनो ने वेस्टइंडीज की पारी के 9 विकेट में से 4 विकेट निकाले थे। 

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वहीं मुख्य गेंदबाज़  जगवाल श्रीनाथ और आशीष नेहरा ने मिलकर 94 ओवर डाले और 204 रन दिए फिर भी कोई विकेट नहीं निकाल सकें। जहीर खान ने 2 विकेट चटकाए जबकि अनिल कुंबले ने 1 विकेट लिया। 2 विकेट सचिन तेंदुलकर ने भी इस मैच में लिए थे ।

भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली बार था कि जब किसी कप्तान ने सभी खिलाड़ियों से गेंदबाजी करायी। इसके बाद फिर ऐसा कभी नहीं हुआ।