रवि यादव: UP से नहीं मिला मौका तो MP से खेलने का किया फैसला, पहले मैच के पहले ओवर में वो कर दिखाया जो आज तक कोई न कर पाया

रवि यादव ने मध्य प्रदेश की तरफ से 28 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया और अपने डेब्यू मैच के पहले ही ओवर में हैट्रिक ले ली।

नई दिल्ली: कहते हैं अगर मेहनत की जाए और लगातार की जाए तो सफलता जरूर मिलती है फिर चाहे रास्ते में जितनी भी परेशानी आये कोई सफल होने से आपको नहीं रोक सकता है। इस बात को सच साबित करके दिखाया है मध्य प्रदेश के क्रिकेट 28 साल के गेंदबाज़ रवि यादव ने। 

दरअसल रवि यादव ने मध्य प्रदेश की तरफ से 28 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया और अपने डेब्यू मैच के पहले ही ओवर में हैट्रिक ले ली।

इस हैट्रिक के साथ रवि यादव ने अपने नाम एक नायाब रिकॉर्ड स्थापित किया। वह फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू के पहले ही ओवर में हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज़ बन गए हैं। 

आपको बता दें कि रवि यादव ने यह कारनामा उत्तर प्रदेश रणजी टीम के खिलाफ किया है। वह UP से ताल्लुक भी रखते हैं। रवि यादव को जब उत्तर प्रदेश की टीम से खेलने का मौका नहीं मिला तो उन्होंने मध्य प्रदेश की तरफ से खेलने का फैसला किया। 

वैसे तो डेब्यू मैच में हैट्रिक लेने का रिकॉर्ड कई खिलाडियों के नाम है। लेकिन रवि यादव की हैट्रिक इसलिए भी ख़ास है क्योंकि उन्होंने इसे अपने पहले ओवर में ही लिया है। रवि से पहले जगवाल श्रीनाथ, सलिल अंकोला और अभिमन्यु मिथुन ने अपने डेब्यू मैच में हैट्रिक ली है। 

संघर्ष भरा रहा जीवन 

रवि यादव का जीवन बहुत ही संघर्ष भरा रहा है। वह क्रिकेट से चार साल दूर रहे। 2010 से 2014 के बीच वह क्रिकेट नहीं खेल पाये। रवि यूपी में खेलते हुए बड़े हुए हैं। रवि को अंडर 19 के बाद फिर कभी खेलने का मौका नहीं मिला।

4 साल क्रिकेट से दूर रहने के बाद रवि ने अपना करियर बर्बाद होते हुए देखा उन्हें लगा कि वह अब नहीं खेल पाएंगे. हालांकि सीनियर खिलाड़ी रवि की मदद करते थे. 

Ravi Yadav

सुरेश रैना और RP सिंह के स्कूल से की है पढाई 

रवि लखनऊ के स्पोर्ट्स कॉलेज से पढाई की है। इसी कॉलेज से सुरेश रैना और RP सिंह जैसे क्रिकेटर निकले हैं। रवि ने बताया कि उन्होंने रैना को कई बार गेंदबाजी भी की है। रवि मानते हैं कि रैना को यह बात याद भी नहीं होगी। 

यूपी से नहीं मिला खेलने का मौका 

रवि अपने साथी खिलाडियों को बढ़ते देखा है। जो उनके साथ खेले थे वह राज्य स्तर पर खेल गए लेकिन उन्हें यूपी से कभी खेलने का मौका ही नहीं मिला। 2016 में रवि मध्य प्रदेश चले गये और वहाँ राज्य के नेट बालर बन गए। वह वहाँ तीन साल तक नेट बालर बने रहे। 

क्रिकेट के लिए छोड़ी रेलवे की नौकरी 

रवि यादव ने क्रिकेट पर फोकस करने के लिए रेलवे की नौकरी छोड़ दी। इस बात से उनके परिवार वाले नाराज हो गए। रवि को हालांकि क्रिकेट में भी कोई सफलता तब हाथ नहीं लगी।

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इस वजह  से वह परिवार से भी आँख नहीं मिला पाते थे। लेकिन अपने इस प्रदर्शन के बाद  वह परिवार से कह सकेंगे कि वह एक रणजी खिलाड़ी है और उन्होंने हैट्रिक ली है। अब उनके परिवार को भी उनके ऊपर गर्व होगा.